जाती हुई मय्यत देख के भी वल्लाह तुम उठ कर आ न सके By Sher << इतने दिन के बाद तू आया है... दिल को आज तसल्ली मैं ने द... >> जाती हुई मय्यत देख के भी वल्लाह तुम उठ कर आ न सके दो चार क़दम तो दुश्मन भी तकलीफ़ गवारा करते हैं Share on: