ज़ुल्फ़ के पेच में लटके हुए शाएर का वजूद By Sher << इस्लाम का सुबूत है ऐ शैख़... किस ने देखे हैं तिरी रूह ... >> ज़ुल्फ़ के पेच में लटके हुए शाएर का वजूद थक चुका होगा उसे मिल के उतारो यारो Share on: