ज़ुल्फ़-ए-सुम्बुल निकहत-ए-गुल मौज-ए-सब्ज़ा मौज-ए-आब By Sher << ले लिया प्यार से अक्स अपन... ले गया काजल चुरा दुज़्द-ए-... >> ज़ुल्फ़-ए-सुम्बुल निकहत-ए-गुल मौज-ए-सब्ज़ा मौज-ए-आब बाग़ में कोई जगह ख़ाली न देखी दाम से Share on: