जी में आता है कि फूलों की उड़ा दूँ ख़ुशबू By Sher << आसमाँ को निशाना करते हैं क्यूँ न रुक रुक के आए दम ... >> जी में आता है कि फूलों की उड़ा दूँ ख़ुशबू रंग उड़ा लाए हैं ज़ालिम तिरी रानाई का Share on: