जी में है इतने बोसे लीजे कि आज By Sher << सब कुछ हम उन से कह गए लेक... फिर मुझे दीदा-ए-तर याद आय... >> जी में है इतने बोसे लीजे कि आज महर उस के वहाँ से उठ जावे Share on: