जिज़्या वसूल कीजिए या शहर उजाड़िए By Sher << जब सीं लाया इश्क़ ने फ़ौज... मैं ने तुम को दिल दिया और... >> जिज़्या वसूल कीजिए या शहर उजाड़िए अब तो ख़ुदा भी आप की मर्ज़ी का हो गया Share on: