जिन हाथों से बटती ख़ैरातें देखी थीं By Sher << अब तो इक पल के लिए भी न ग... देखने वाले यूँ तो बहुत दे... >> जिन हाथों से बटती ख़ैरातें देखी थीं इन आँखों से उन हाथों में कासे देखे Share on: