जीने की नहीं उमीद हम को By Sher << जुनूँ ने दस्त-कारी ऐसी भी... जाते हो सैर-ए-बाग़ को अग़... >> जीने की नहीं उमीद हम को तीर उस का जिगर के पार निकला Share on: