जिन्हें था शौक़ मेला देखने का By Sher << हम और उठाएँगे एहसान जाँ-न... इस में नहीं है दख़्ल कोई ... >> जिन्हें था शौक़ मेला देखने का वो सारे लोग अपने घर गए हैं Share on: