जिस अहद में लुट जाए ग़रीबों की कमाई By Sher << मय में कोई ख़ामी है न साग... ले गया छीन के कौन आज तिरा... >> जिस अहद में लुट जाए ग़रीबों की कमाई उस अहद के सुल्तान से कुछ भूल हुई है Share on: