जिस दिन से चला हूँ मिरी मंज़िल पे नज़र है By Sher << किताबें यूँ तो बहुत सी है... तुम थे तो हर इक दर्द तुम्... >> जिस दिन से चला हूँ मिरी मंज़िल पे नज़र है आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा Share on: