जिस दिन शहर जला था उस दिन धूप में कितनी तेज़ी थी By Sher << फ़ज़ा है तीरा ओ तारीक और ... मैं वुसअतों से बिछड़ के त... >> जिस दिन शहर जला था उस दिन धूप में कितनी तेज़ी थी वर्ना इस बस्ती पर 'अंजुम' बादल रोज़ बरसता था Share on: