जिस की हवस के वास्ते दुनिया हुई अज़ीज़ By Sher << रात आँखों में हया ले के ग... ये मरना जीना भी शायद मजबू... >> जिस की हवस के वास्ते दुनिया हुई अज़ीज़ वापस हुए तो उस की मोहब्बत ख़फ़ा मिली Share on: