जिस को बचाए रखने में अज्दाद बिक गए By Sher << जो फाँस चुभ रही है दिलों ... जहाँ जहाँ कोई उर्दू ज़बान... >> जिस को बचाए रखने में अज्दाद बिक गए हम ने उसी हवेली को नीलाम कर दिया Share on: