जिस पर हमारी आँख ने मोती बिछाए रात भर By Sher << कुछ भी बचा न कहने को हर ब... उसी के ख़्वाब थे सारे उसी... >> जिस पर हमारी आँख ने मोती बिछाए रात भर भेजा वही काग़ज़ उसे हम ने लिखा कुछ भी नहीं Share on: