जिस्म की मिट्टी न ले जाए बहा कर साथ में By Sher << जो चुप-चाप रहती थी दीवार ... जाने किस को ढूँडने दाख़िल... >> जिस्म की मिट्टी न ले जाए बहा कर साथ में दिल की गहराई में गिरता ख़्वाहिशों का आबशार Share on: