जो अर्ज़ां है तो है उन की मता-ए-आबरू वर्ना By Sher << गली का आम सा चेहरा भी प्य... बस्ती बस्ती पर्बत पर्बत व... >> जो अर्ज़ां है तो है उन की मता-ए-आबरू वर्ना ज़रा सी चीज़ भी बेहद गिराँ है इस ज़माने में Share on: