जो लड़खड़ाए क़दम मय-कदे में मस्तों के By Sher << किस की होली जश्न-ए-नौ-रोज... 'फ़राज़' तेरे जुन... >> जो लड़खड़ाए क़दम मय-कदे में मस्तों के बग़ल में हज़रत-ए-नासेह थे बढ़ के थाम लिया Share on: