जो पहुँचेंगे तो हम पहुँचेंगे मर कर कू-ए-जानाँ तक By Sher << पूरी होती हैं तसव्वुर में... इक दर्द-ए-मोहब्बत है कि ज... >> जो पहुँचेंगे तो हम पहुँचेंगे मर कर कू-ए-जानाँ तक कि जीते-जी कोई जन्नत में दाख़िल हो नहीं सकता Share on: