जो शैख़-ए-शहर आया हम से औबाशों की मज्लिस में By Sher << शब उन की है जो तेरा ख़्वा... रही न ताक़त-ए-गुफ़्तार और... >> जो शैख़-ए-शहर आया हम से औबाशों की मज्लिस में अगर धूलें नहीं तो गालियाँ दो-चार खा निकला Share on: