जो उन को लिपटा के गाल चूमा हया से आने लगा पसीना By Sher << आईन-ए-इश्क़ यूँ भी बदलना ... वक़्त ख़ुश ख़ुश काटने का ... >> जो उन को लिपटा के गाल चूमा हया से आने लगा पसीना हुई है बोसों की गर्म भट्टी खिंचे न क्यूँकर शराब-ए-आरिज़ Share on: