कब तालिब-ए-राहत हुए ज़ख़्मी-ए-मोहब्बत By Sher << सारी ख़िल्क़त राह में है ... ज़ख़्म बिगड़े तो बदन काट ... >> कब तालिब-ए-राहत हुए ज़ख़्मी-ए-मोहब्बत मरहम की जो हाजत हुई तेज़ाब बनाया Share on: