कभी बे-कली कभी बे-दिली है अजीब इश्क़ की ज़िंदगी By Sher << सौदा वो क्या करेगा ख़रीदा... चराग़ सज्दा जला के देखो ह... >> कभी बे-कली कभी बे-दिली है अजीब इश्क़ की ज़िंदगी कभी ग़ुंचा पे जाँ फ़िदा कभी गुल्सिताँ से ग़रज़ नहीं Share on: