कभी इस राह से गुज़रे वो शायद By Sher << कलियों में ताज़गी है न फू... इश्क़ है जी का ज़ियाँ इश्... >> कभी इस राह से गुज़रे वो शायद गली के मोड़ पर तन्हा खड़ा हूँ Share on: