कभी ज़माना था उस की तलब में रहते थे By Sher << दिल की दीवार पर सिवा उस क... 'शहबाज़' में ऐब ह... >> कभी ज़माना था उस की तलब में रहते थे और अब ये हाल है ख़ुद को उसी से माँगते हैं Share on: