कभी मय-कदा कभी बुत-कदा कभी काबा तो कभी ख़ानक़ाह By Sher << जवाब जिस का नहीं कोई वो स... बात करने में होंट लड़ते ह... >> कभी मय-कदा कभी बुत-कदा कभी काबा तो कभी ख़ानक़ाह ये तिरी तलब का जुनून था मुझे कब किसी से लगाव था at times taverns, temples times, mosques and times, monasteries `twas frenzy of my search for you, else when was i attached to these. Share on: