कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे जाम हो जाए By Sher << कुछ तबीअ'त ही मिली थी... वो भी न आया उम्र-ए-गुज़िश... >> कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे जाम हो जाए तुम्हारे नाम की इक ख़ूब-सूरत शाम हो जाए Share on: