क़दम क़दम पे ये कहती हुई बहार आई By Sher << रुलाता है मुझे हर-दम तसव्... किस किस को बताएँगे जुदाई ... >> क़दम क़दम पे ये कहती हुई बहार आई कि राह बंद थी जंगल की खोल दी मैं ने Share on: