क़ाफ़िले ख़ुद सँभल सँभल के बढ़े By Sher << कोई मुझ को ढूँढने वाला ऐ 'ज़ौक़' वक़्त न... >> क़ाफ़िले ख़ुद सँभल सँभल के बढ़े जब कोई मीर-ए-कारवाँ न रहा Share on: