काफ़िर गेसू वालों की रात बसर यूँ होती है By Sher << तुम्हारे मिलने की हर आस आ... लफ़्ज़ और आवाज़ दोनों खो ... >> काफ़िर गेसू वालों की रात बसर यूँ होती है हुस्न हिफ़ाज़त करता है और जवानी सोती है Share on: