काग़ज़ तमाम किल्क तमाम और हम तमाम By Sher << सफ़र के ब'अद भी मुझ क... हम से 'आबिद' अपने... >> काग़ज़ तमाम किल्क तमाम और हम तमाम पर दास्तान-ए-शौक़ अभी ना-तमाम है paper pen and i, are all finished, gone but tales of my love, go on and on and on Share on: