कह सकते तो अहवाल-ए-जहाँ तुम से ही कहते By Sher << काज़िब सहाफ़तों की बुझी र... जो बात दिल में थी उस से न... >> कह सकते तो अहवाल-ए-जहाँ तुम से ही कहते तुम से तो किसी बात का पर्दा भी नहीं था Share on: