कहा फ़लक ने ये उड़ते हुए परिंदों से By Sher << आ मुझे छू के हरा रंग बिछा... दर्द ने दिल की परवरिश की ... >> कहा फ़लक ने ये उड़ते हुए परिंदों से ज़मीं पे लोग मकानों में क़ैद रहते हैं Share on: