कहाँ रह जाए थक कर रह-नवर्द-ए-ग़म ख़ुदा जाने By Sher << शायद सवाब तुम को भी मिल ज... ज़ाहिरी वाज़ से है क्या ह... >> कहाँ रह जाए थक कर रह-नवर्द-ए-ग़म ख़ुदा जाने हज़ारों मंज़िलें हैं मंज़िल-ए-आराम आने तक Share on: