कहीं बैठने दे दिल अब मुझे जो हवास टुक मैं बजा करूँ By Sher << जो उन मासूम आँखों ने दिए ... वो कहते हैं हर चोट पर मुस... >> कहीं बैठने दे दिल अब मुझे जो हवास टुक मैं बजा करूँ नहीं ताब मुझ में कि जब तलक तू फिरे तो मैं भी फिरा करूँ Share on: