कहीं भी ताइर-ए-आवारा हो मगर तय है By Sher << मोहब्बत इस लिए ज़ाहिर नही... हँस हँस के वो मुझ से ही म... >> कहीं भी ताइर-ए-आवारा हो मगर तय है जिधर कमाँ है उधर जाएगा कभी न कभी Share on: