कहीं जैसे मैं कोई चीज़ रख कर भूल जाता हूँ By Sher << अबस इन शहरियों में वक़्त ... न आए मेरे होंटों तक जो पै... >> कहीं जैसे मैं कोई चीज़ रख कर भूल जाता हूँ पहन लेता हूँ जब दस्तार तो सर भूल जाता हूँ Share on: