कहीं सलीब कहीं कर्बला नज़र आए By Sher << हमारे बाद इस महफ़िल में अ... जहाँ जहाँ भी है नहर-ए-फ़ु... >> कहीं सलीब कहीं कर्बला नज़र आए जिधर निगाह उठे ज़ख़्म सा नज़र आए Share on: