कहते हैं जिस को जन्नत वो इक झलक है तेरी By Sher << ये मय-कदा है कलीसा ओ ख़ान... वक़्त-ए-रवा-रवी है उठे क़... >> कहते हैं जिस को जन्नत वो इक झलक है तेरी सब वाइज़ों की बाक़ी रंगीं-बयानियाँ हैं Share on: