'कैफ़' पैदा कर समुंदर की तरह By Sher << हम जो पहले कहीं मिले होते काम आ सकीं न अपनी वफ़ाएँ ... >> 'कैफ़' पैदा कर समुंदर की तरह वुसअतें ख़ामोशियाँ गहराइयाँ Share on: