कैसा फ़िराक़ कैसी जुदाई कहाँ का हिज्र By Sher << ख़ातिर से जो करना पड़ी कज... कहो क्या मेहरबाँ ना-मेहरब... >> कैसा फ़िराक़ कैसी जुदाई कहाँ का हिज्र वो जाएगा अगर तो ख़यालों में आएगा Share on: