कल जहाँ दीवार ही दीवार थी By Sher << लोग कहते हैं कि इस खेल मे... मौज-ए-तख़य्युल गुल का तबस... >> कल जहाँ दीवार ही दीवार थी अब वहाँ दर है जबीं है इश्क़ है Share on: