कल जो मैं ने झाँक के देखा उस की नीली आँखों में By Sher << हम से वफ़ा-शिआर को भी तेर... अजब चलन है ये बाज़ार-ए-इश... >> कल जो मैं ने झाँक के देखा उस की नीली आँखों में उस के दिल का ज़ख़्म तो 'माजिद' सागर से भी गहरा है Share on: