कल मिरे क़त्ल को इस ढब से वो बाँका निकला By Sher << कह दिया तू ने जो मा'स... ये आँसू बे-सबब जारी नहीं ... >> कल मिरे क़त्ल को इस ढब से वो बाँका निकला मुँह से जल्लाद-ए-फ़लक के भी अहाहा निकला Share on: