कल ये मुमकिन है कि लहराएँ ख़ुशी के गीत भी By Sher << आँखों को देखते ही बोले तुम इतना जो मुस्कुरा रहे ... >> कल ये मुमकिन है कि लहराएँ ख़ुशी के गीत भी हर नज़र में आज इक ख़ामोश सा आलम सही Share on: