कमर बाँधो मुक़द्दर के सहारे बैठने वालो By Sher << ख़ुदा का घर भी है दिल में... ज़ीस्त ने मुर्दा बना रक्ख... >> कमर बाँधो मुक़द्दर के सहारे बैठने वालो शिकस्त-ए-रज़्म से राहों का पेच-ओ-ख़म न बदलेगा Share on: