कनार-ए-आब हवा जब भी सनसनाती है By Sher << जब भी ये दिल उदास होता है उन आँखों में डाल कर जब आँ... >> कनार-ए-आब हवा जब भी सनसनाती है नदी में चुपके से इक चीख़ डूब जाती है Share on: