क़नाअत उस की निकलती है वाज़्गूनी में By Sher << क़ासिद जो गया मेरा ले नाम... क़लक़-ए-दिल से हैं जैसे म... >> क़नाअत उस की निकलती है वाज़्गूनी में गदा है बहर अगर कासा-ए-हबाब फिरे Share on: