काँटों की ज़बाँ सूख गई प्यास से या रब By Sher << तुम कहे जाते हो ऐसी फ़स्ल... उड़ा कर ख़ाक हम काबे जो प... >> काँटों की ज़बाँ सूख गई प्यास से या रब इक आबला-पा वादी-ए-पुर-ख़ार में आवे Share on: