मुद्दत से मोहब्बत के सफ़र में हूँ 'करामत' By Sher << अभी से वो दामन छुड़ाने लग... जो मिल गए तो तवंगर न मिल ... >> मुद्दत से मोहब्बत के सफ़र में हूँ 'करामत' लेकिन अभी चाहत के नगर तक नहीं पहुँचा Share on: